Kya Paristhitiyon ko swikar karke ham apna bhagya badal sakte hain: कारण कर्म सिद्धांत , दर्शनशास्त्र का एक सिद्धांत है। यह भारतीयों के मन मस्तिष्क पर अच्छी तरह से अंकित है। चाहे आप इसे हमारा अंधविश्वास कहें या विज्ञान के परे का ज्ञान कहें, मैं भी इसी सिद्धांत पर अपनी सहमति व्यक्त करता हूं। इसी सिद्धांत के आधार पर।मैं निम्न प्रश्नों पर चर्चा कर रहा हूं ,कि कैसे हम अपने (Bhagya ko Badal skate Hain) भाग्य को बदल सकते हैं? कैसे हम अपने ( Bhagya ka Nirman ) भाग्य का निर्माण कर सकते हैं? किसी भी कर्म के पीछे कारण होता है। बिना कारण के कर्म नहीं होता है। जब कर्म होता है, तो फल जरूर मिलता है। चाहे कर्म किसी भी रूप में हुआ हो, वह फल के रूप में जरूर बदलेगा या हमारे सामने आएगा। जब हमारे कर्मों का फल हमारे सामने आता है, तो हम सभी दो प्रकार से प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार रहते हैं। यदि कर्म का फल सकारात्मक है, तो हम अपने को भाग्यशाली मानकर खुश होते हैं। यदि परिणाम हमारे हिसाब से प्राप्त न हो,तो हम सुरक्षा के मूड में आ जाते हैं य...
In this latest blog we have tried to explore the interesting relationship between way of living, thought process and destiny. How the choices we make in life, combined with our mindset, can determine the path of our destiny. Join us on this enlightening journey to better understand the deep connection between your actions, thoughts, and the course of your life. The Key is "Thoughts =>feelings=>Attitude=>Actions=> Personality=>Destiny"