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Nakaratmak vichar urja ke parbhav

Nakaratmak Vicharon ka Parbhav नकारात्मक विचार जैसे ईर्ष्या,डर, चिंता और विपरीत परिस्थितियां हमारी सोच और तंत्रिका ग्रंथियों को नष्ट करती हैं। इसी कारण हमारे अन्दर मानसिक और शारीरिक बिमारियों का जन्म होता है। नकारात्मक विचार (Nakaratmak vichar) कितनी ऊर्जा का उपयोग करते हैं ? यह जानने से पहले चर्चा करते हैं , कि विचार क्यों महत्वपूर्ण है?  क्या विचार ही जीवन का आधार है ? आइए इन प्रश्नों से इस blog में विचार विमर्श करेंगे। यदि हमें सफल होना है या जीवन में कुछ भी बनना है, तो हमारे पास विचार होना आवश्यक है। विचार एक प्रकार से गुरुत्वाकर्षण बल की तरह अदृश्य बल या कृपा है।  विचार से शब्द उत्पन्न होते हैं। शब्दों से उसी प्रकार का कार्य हमारे द्वारा किया जाता है । बार-बार एक कार्य को करने से हमारी आदत का निर्माण होता है ।  और अंत में यही परिणाम के रूप में हमारा चरित्र बनता है। यही चरित्र हमारी सफलता, सौभाग्य की ओर ले जाता है।  Vichar Urja ke Prkar:  नकारात्मक विचार ऊर्जा के प्रकार विचार दो प्रकार से हो सकते हैं सकारात्मक विचार और   नकारात्मक विचार। सकारात्मक ...