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vichar Prkriya ki shakti ke parbhav se jivan mein navinta layen.

Vichar Prkriya ki shakti ke Parbhav se jivan mein navinta layen.  

Vichar-Prkriya-ki-shakti-ke-Parbhav-se-jivan-mein-Navinta-layen.

इस लेख में हम विचार प्रक्रिया की शक्ति के महत्व को जानेंगे और यह भी जानेंगे कि कैसे विचार प्रक्रिया की शक्ति के प्रभाव से जीवन में नवीनता ला सकते हैं । कैसे हम अपने जीवन को सहज और सुखमय बना सकते हैं। इन सभी तथ्यों पर इस ब्लॉग में चर्चा करेंगें।

Vichar Prkriya ka Swaroop:

आधुनिक जीवन में, विचार प्रक्रिया एक महत्वपूर्व साधन है जो हमें अनगिनत संभावनाओं के सामना करने में मदद करता है। विचार प्रक्रिया  का महत्व  हमारे जीवन को सकारात्मक और सार्थक बनाने में हो सकता है। 
क्योंकि विचार प्रक्रिया हमारे जीवन को विवेचित और महत्वपूर्ण बनाती है। यह हमें नए और उत्कृष्ट विचारों की प्राप्त करने में मदद करती है, और हमें समस्याओं का सही समाधान निकालने में सहायक होती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो हमें अपनी सोच को आधारित, योजनाबद्ध, और उत्कृष्ट बनाने में सहायक होता है। 
For example:उदाहरण । 
एक डस्टबिन में जिस प्रकार का कूड़ा-करकट रखा जाता है उसी प्रकार की गंध आती है।
मन भी एक टोकरी की तरह है जिस प्रकार का Vichar  रखा जाता है,उसी प्रकार की गंध या महक आती है ।
मन में सही Vicharon का बीज बोना है,  आखिर में विचारों की फसल आपको ही काटनी है। बेचारा शरीर क्या करें ?
हमारे (Vichar Prkriya ki shakti ) विचार प्रक्रिया की शक्ति का प्रत्येक cells पर असर पड़ता है, और प्रत्येक cell  उसी अनुसार कार्य करती है। परिणाम body  को भुगतना पड़ता है। शरीर  बेचारा  क्या करें ?
  • प्रत्येक विचार (Vichar) का शरीर पर असर पड़ता है।
  • उसी प्रकार का वातावरण बनता है,  सुखद / दुखद ।
  • मन में जैसा Vichar  होगा  वैसा ही हमारा जीवन बनाता है।
  • प्रत्येक विचार (Vichar) का दूसरों पर असर पड़ता है।
  • प्रत्येक विचार (Vichar)  का  असर दूसरों से  हमें मिलता हैं है।
  • प्रत्येक विचार प्रक्रिया की शक्ति हमारे जीवन की Problems को Solve करने का विकल्प प्रदान करती है । 
  • प्रत्येक विचार (vichar)  मेरा भाग्य लिख रहा है।
  • विचार प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाना हमें सीधे रास्ते पर चलने में मदद कर सकता है, जिससे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफल हो सकते है 

1: Vichar Prkriya and way of living ka sambandh .

सोचने की क्षमता: विचार प्रक्रिया हमें सोचने की क्षमता प्रदान करती है जिससे हम विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं और उन्हें सही तरीके से विचार कर सकते हैं। यह हमें नए विचार विकसित करने में मदद करती है, जो हमारे सोचने की दिशा को बदल सकते हैं।
  • Way of living  को change कर दें, तो मन बदल जायेगा।
  • Vichar Prkriya को चेंज कर दें तो मन बदल जाएगा।
  • अपने Inner Software  पर भरोसा रखो तो मन बदल जायेगा।
  • अपने पर भरोसा रखे हो तो मन बदल जाएगा।
  • सभी के लिए श्रेष्ठ Vichar का चिंतन करें,तो आपका मन बदल जाएगा।
  • आपका मन बदल जाने से आपका जीवन सुखी शांत और सफल हो जाएगा।लेकिन समय लगता है, हर चीज को बदलने में।
  • हर बीज को समय लगता है फसल बनने में । इसी प्रकार हर Vichar  को time लगता है।

2:Vichar Prkriya ki Shakti ka Mulya : विचार प्रक्रिया की शक्ति का मूल्य एवं प्रभाव।

विचार प्रक्रिया का मूल्य और प्रभाव हमारे जीवन को अद्वीतीय बनाता है और हमें समस्याओं के सामना करने और उन्हें हल करने की क्षमता प्रदान करता है। 
इसके माध्यम से हम नए दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं और अपने स्वप्नों की पूर्ति में एक कदम आगे बढ़ते हैं। इसलिए, विचार प्रक्रिया का सही रूप से उपयोग करना हमारे जीवन को सशक्त और सतत बनाए रखता है।
विचार प्रक्रिया हमारे दृष्टिकोण और समाधानों की दिशा में मार्गदर्शन करती है। विचार प्रक्रिया के माध्यम से हम अपनी सोच को और भी सुगम बना सकते हैं और नए सिद्धांतों की खोज में निकल सकते हैं।
विचार प्रक्रिया का सीधा प्रभाव हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण है। यह हमें समस्याओं का सही समाधान निकालने में मदद करता है और विभिन्न पहलुओं को समझने की क्षमता प्रदान करता है। विचार प्रक्रिया के माध्यम से हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए योजना बना सकते हैं और अपने कार्रवाई में सुस्ती से निपट सकते हैं।
Face is the index of mind.
  • मन को बदल दो face  बदल जाएगा।
  • मन को बदल दो skin  बदल जाएगी।
  • मन को बदल दो हर चीज बदल जाएगी ।
  • मन को बदल दो प्रकृति और अस्तित्व आपके लिए काम करेगा और आप बदल जाएंगे।
  • आधुनिक विचारों के आदान-प्रदान से समाज को नयी दिशा में  बढ़ाने में तथा नई तकनीकों के माध्यम से जीवन को सरल बनाने में  किया जा सकता है।

3: Shaktishali  Vicharon ka jeevan Par  Parbhav:

शक्तिशाली विचार हमें सकारात्मक सोच विकसित करने में मदद करते हैं और हमें आत्म-समर्थन की ऊंचाईयों तक पहुंचने के लिए सहारा प्रदान करते हैं।
  • यदि हमारे मन में  नकारात्मक विचार प्रक्रिया  (vichar prkriya) चल रही हैं, तो यह इसी प्रकार है, जैसे पानी का नल खुला छोड़ दिया हो और बाल्टी से लगातार पानी बह रहा हो। 
  • यदि उस  बाल्टी में छेद है , जिसमें पानी भरा जा रहा है तो वह बाल्टी कभी भी नहीं भरेगी।  हम लाख कोशिश करके भी बाल्टी में पानी नहीं भर सकते। इस प्रकार से पानी  भी waste होता रहेगा और हाथ कुछ भी नहीं लगेगा।
  • इसी  प्रकार नकारात्मक विचार प्रक्रिया  के कारण पानी की तरह हमारी  energy भी deplete  होती रहती है। हमारे नकारात्मक विचार प्रक्रिया  (vichar prkriya)  बाल्टी में छेद  की तरह  हैं । 
  • यह नकारात्मक विचार प्रक्रिया  (vichar prkriya)  हमारी energy  को  positivity में transform नहीं होने देते हैं। 
  • यहीं से सारी  problems शुरू होती हैं। क्योंकि  सकारात्मक  विचार प्रक्रिया की शक्ति (vichar prkriya ki shakti) हमेशा  Positivity की energy में  transform होती हैं। 
  • नए दृष्टिकोण: शक्तिशाली विचार हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को 
  • नए दृष्टिकोण से देखने की क्षमता प्रदान करते हैं, 
  • जिससे समस्याओं का सही समाधान निकाला जा सकता है।
  • समर्पणऔरउत्साह:शक्तिशाली विचार हमें अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित और उत्साही बनाते हैं, जिससे हम अडिग रूप से अपने मानवाधिकार और सपनों की पूर्ति के लिए काम करते हैं।

4: Vicharon ki Shakti ka jivan mein kya mahtav hai ?

  • हमारा अपना कुछ भी नहीं है।  हमारी सांसे एवं  जिंदगी तो पेड़ के पत्तों में हैं,  जो हमें ऑक्सीजन दे रहे हैं ।
  • एक पल के लिए प्रकृति ऑक्सीजन देना बंद कर दे यह अस्तित्व खत्म हो जाएगा। 
  • हम सांसो को इतने हल्के में लेते हैं कि, कभी हमने ध्यान ही नहीं दिया कि हम जिंदा कैसे हैं ?
  • हम मात्र अपनी सांस पर भी शिद्दत से ध्यान दें तो यही एक सरल योग हमारा भाग्य बदल देगा। इसलिए पेड़ों को धन्यवाद करें कि  वे आपको जिंदा रख रहे हैं।
  • पानी का धन्यवाद दें। यह सब की जरूरतें पूरी कर रहा है। सबसे पहले अपनी हर कोशिका , हर अंग का धन्यवाद करते रहें । 
  • दिल से कहें कि मेरे सारे अंग स्वस्थ हैं, और अच्छे ढंग से कार्य कर रहे हैं। मैं कितना सौभाग्यशाली हूं कि. मैं सभी का धन्यवाद कर रहा हूं। 
  • शक्तिशाली विचार हमें असाधारण प्रासंगिकता, समर्थन, और सहानुभूति की भावना प्रदान करते हैं, जिससे हम आत्म-समर्थन की प्राप्ति करते हैं।ससे हम अपने जीवन को सफलता और संतुलन से भर देते हैं, जिससे समाज में भी प्रेरणा बढ़ती है और एक सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ता है।

Naveenta Ki Prapti ke liye Small Steps: नवीनता की प्राप्ति के लिए छोटे कदम।

निम्न प्रकार से हम विचारों को नयी दिशा में मोड सकते हैं.  

1: Vicharon ko kaise channelized Karen: अपने विचारों को channelized कैसे करें?  

हमारे पास दुनिया की Perfect Machine यह शरीर  है । इस शरीर से ही हम अपने भाग्य का निर्माण स्वयं कर सकते हैं । मन इसमें हमारे  सॉफ्टवेयर का काम करता  है। मन से ही विचार प्रक्रिया  निर्माण होता   हैं। आइए कुछ प्रश्नों से विचार प्रक्रिया पर गहनता से विचार करें।
  • क्या हमनें कभी अपने आपको सौभाग्यशाली माना है?
  • क्या  हमनें कभी अपने आप से सकारात्मक   शब्द कहे  है?
  • क्या हमनें कभी अपने आपको सौभाग्यशाली  मानकर ,क्या हमनें कभी अपने  इस शरीर एवं मन का धन्यवाद दिया है?
  • हम अपने को शरीर मानकर चलते हैं। यह भी सच है ,तो क्यों हम इस शरीर का ध्यान नहीं रखते हैं?
  • यदि हम मन हैं,  तो क्या कभी  हमने मन के भोजन का ध्यान रखा हैं ?
मन का भोजन अर्थात  विचार प्रक्रिया (Vichar Prkriya।हम सोच के  स्तर पर कम ध्यान देते  हैं। केवल शरीर पर ही भरोसा करते हैं। इस कारण   बाहर  समस्याओं से प्रभावित होकर परेशान होते रहते हैं।  
  • जबकि हमारे भाग्य का निर्माण हमारे हाथों में है। आप भगवान को माने या न माने , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं । लेकिन आपके सामने इतना बड़ा उदाहरण , प्रकृति है, इसे तो मानना ही पड़ेगा। यही हमारे जीवन का आधार है।
  • जितने भी तत्वों से मिलकर हमारा शरीर बना है,  वह बस इस प्रकृति और विराट अस्तित्व  की देन है। हम पर अस्तित्व का फर्क जरूर पड़ता है।
  • पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण बल के कारण समुद्र में ज्वार भाटा आ सकता है, तो क्या इसका प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं पड़ता होगा?   हमें पता भी नहीं चलता है, कि किस प्रकार गुरुत्वाकर्षण बल हमें इस पृथ्वी में  Balance बनाने में मदद करता है ?  
  • क्या हम यकीन कर सकते हैं ,कि हम गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी पर स्थिर है?
  • ब्रह्मांड में हमारे सौरमंडल की बात करें तो आठ ग्रह अपने नियत संतुलित चाल से सूर्य का चक्कर लगा रहे हैं । 
  • पृथ्वी अपने नियम से सुर्य के  चक्कर लगा रही है और दिन रात में परिवर्तन हो रहा है। ऋतुओं का परिवर्तन हो रहा है। सुबह हो रही है, शाम हो रही है, मौसम बदल रहा है । लेकिन हमारे दिमाग में एक निगेटिव Vichar  हमारे जीवन को तबाह कर देता है। 

2:Vichar prkriya ki shakti ke parbhav se jivan mein Naveenta layen. द्वारा high positive energy कैसे generate करें? 

(विचारों  प्रक्रिया की शक्ति के प्रभाव का उपयोग ) Vichar sahkti ke parbhav ka upyog हमारे Vichar हमारे emotions and feelings को generate करते हैं। 
  • जैसे Emotions होंगें वैसे ही हमारा Attitude होगा। 
  • Attitude से Actions  का निर्माण होता है।  
  • Actions ही हमारे भाग्य के निर्माण की नीव हैं। 
  • जब हम किसी के साथ बात करते हैं या किसी भी प्रकार की deal करते हैं। तो हम उसके मन से deal कर रहे होते हैं।  यदि हम इतनी से छोटी बात समझ गए तो हम अपनी विचार प्रक्रिया की शक्ति (vichar prkriya ki shakti) को भी समझकर आसानी से अपने जीवन में change कर सकते हैं। 
  • मन हर किसी के पास आंतरिक रूप में  same है। बस बाहर  ग्रहण करने वाली Information के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति  अलग अलग है। 
  • मन के स्तर पर ही कोई विचार पनपता है।  हमने अभी तक मन की शक्ति  उपयोग करना नहीं सीखा है। 
  • इसलिए हम हमेशा बाहर की परिस्थितियों के प्रभाव में आकर 
  • अपने मन में नकारात्मक विचार प्रक्रिया की शक्ति (vichar prkriya ki shakti)  का निर्माण करते हैं। यही  विचार प्रक्रिया की शक्ति (vichar prkriya ki shakti) jivan  mein navinta ko khatam kar dete hain .
3: Don't compare: कभी भी दूसरों से तुलना न करें। 
  • क्या तुलना करना सबसे बड़ी समस्या है?  यह सबसे बड़ा हल  है या सबसे बडी समस्या है?  
  • हम हमेशा अपनी  तुलना अपने से ज्यादा संशाधन एवं  
  • हम से उच्च पद  वाले दूसरे लोगों से करते हैं। 
  • हम हमेशा अपनी तुलना दूसरों के सुख से करते हैं।
  • उनके पास कितना है?
  • वह कितने सुखी हैं।
  • वह कितने धनी हैं।
  • वह कितने खुश मिजाज हैं।
  • वह व्यक्ति कितना अच्छा है।
  • उसके पास कार है।
  • उसके पास बंगला है।।
  • उसके पास जमीन जायदाद है।
  • वह हमसे श्रेष्ठ है।
  • वह धनी है ।
  • वह बहुत खूबसूरत है।आदि-आदि । 
इस प्रकार  ke विचार प्रक्रिया की शक्ति (vichar prkriya ki shakti)हमारे मन को Disturb कर देती है।  ये सभी विचार बाहर से हमारे मन के अंदर प्रवेश करते हैं।  मूल रूप में ये सभी  विचार मन के नहीं हैं। क्योंकि मन में कोई भी Vichar , 01 मिनट से ज्यादा नहीं ठहरता हैं।  
लेकिन विचार के प्रति  हमारी प्रतिक्रिया हमें जररूत ज्यादा सोचने पर मजबूर कर देती है।  प्रतिक्रिया उसी प्रकार से है,  जैसे हम किसी पौधे को खाद पानी देते हैं और पौधा दिन प्रतिदिन बड़ा होता रहता है।   
Vicharon पर प्रतिक्रिया ही Life में Navinta ko khone ki   की जड़ है। Vichar  एक बीज है।  इसे हमने  ही अपने   दिमाग में बोया है, तो इसकी फसल भी हमें ही कटनी होगी।  

4:Vichar shakti ko sudhara jay:

जब  नकारात्मक विचार प्रक्रिया (Vichar prkriya) के कारण Jivan ka utsah khatm   होता  है। इतने सारे बदलाव  हो रहें हैं।   क्यों न इसी Vichar Shakti  को हथियार बनाया जाय ।  
  • मुझे पूर्ण विश्वास है कि , यदि हम Vichar prkriya ki shakti  मन एवं शरीर के स्तर पर अंदर से  Generate  करें अर्थात अपने मन में Powerful Positive Vicharon का निर्माण करना होगा।  तभी हमारे jivan mein navinta ayegi .   
  • सर्वप्रथम हमें शरीर के  स्तर पर Vichar prkriya  को  Powerful करना है। 
  • क्या हम सही हैं ? हमारा शरीर इस अस्तित्व की Perfect रचना है। 
  • हमारे  शरीर की आवश्यकताएं जैसे भोजन, हवा, पानी ,ऊर्जा, आदि  को प्रकृति ने 
  • हमारे आने से पहले इस पृथ्वी पर पहले ही व्यवस्था कर ली थी। तो हम चिन्ता क्यों करते हैं?
  • हमारे जीवनदायनी हवा शरीर अपने आप ले रहा है । 
  • शरीर का निर्माण से लेकर सारे Functions शरीर स्वयं कर रहा है। 
  • हमें भोजन भी पहचाना नहीं पड़ रहा है । 
  • तो आप ही बताएं कि हमने इस शरीर के लिए क्या किया  ?   हमने कभी  दिल की गहराई से स्वस्थ शरीर की आवाज को सुना है, शायद नहीं । 
  • जब हमारे पास दुनिया की perfect machine   है। 
  • इस मशीन ने ही  दुनिया की सारी machines  का आविष्कार किया है। 
  • तो क्या हमें इस पर गर्व नहीं करना चाहिए?बिल्कुल  करना चाहिए। 
  • हमारे शरीर की कोशिकायें स्वयं ही  सारे कार्य सम्पादित करती रहती हैं।  लेकिन हमरे मन  एक मात्र विचार खलबली मचा देता है।   इसलिए  Vichar prkriya ki shakti ke parbhav पर   ध्यान दें। 
For Example . 
kaise Vichar prkriya ko badal kar Vichar Shakti ko badaya jay?
  • जाड़े के मौसम में  एक पत्थर या एक लोहे की छड़ शरीर पर स्पर्श करने पर ठंडी लगती है। 
  • थोड़ी देर बाद शरीर के संपर्क में आने के कारण गर्म हो जाती है।  
  • एक Nonliving things  के साथ energy अपना प्रभाव कैसे छोड़ती है ? आप सभी  अच्छी तरह जानते हैं। क्या  Nayi Vichar Prkriya इस के तहत काम नहीं करेगा ? 
  • उष्मा Maximum से Minimum की ओर पहुंचती है।
  • रिजल्ट इसी  प्रकार मन में भी energy transformer होती है।
  • इसलिए सोच से पॉजिटिव बने रहें  यही विचार प्रक्रिया  (Vichar prkriya)  ऊर्जा में change होगा। 
  • Result में आपकी  एनर्जी लेवल बढ़ेगा। आपकी सोच को नयी दिशा मिलेगी। 
  • परिणाम में हम अपने Jivan mein navinta , Utsah ,Umang or Uraja se भरपूर होंगे 
  • हमारे  मन में जैसे  विचार पनपते है  वही बाहर Radiate होता है। 
  • मैंने अपने मन में जो रखा है वही याद आता है, चाहे अच्छा हो या बुरा।वही Results हमें प्राप्त होते हैं।  और हम कसूर दूसरों को देते रहते हैं और अपनी जिम्मेदारी  से मुक्त होने का ढोंग  करते हुए  नयी परेशानियों के बीज बोते रहते हैं। इसके परिणाम में ऊर्जा का ह्रास करते रहते है।  

5:Man ke dwara vicharon ko control karen.

अवचेतन मन एक बच्चे की तरह है।  चेतन मन तर्क द्वारा जो भी Information send करता है।  उसी Information के अनुसार अवचेतन मन कार्य करता है।  लेकिन अवचेतन मन शरीर का 90 % काम खुद ही करता है। 10 % चेतन मन  command है। हमें इसी अवचेतन मन के साथ प्यार से Deal करनी है। 
  • सबसे पहले अपनी Life की  समस्या की जिम्मेदारी  स्वीकार करें।  50 %  विचार प्रक्रिया यही पर change  हो जाती है।  
  • जैसे ही हम किसी भी Problem को स्वीकार करते हैं , हमारा  अवचेतन 
  • मन स्वयं ही Solution पर  काम करना शुरू  कर देता है।  
  • मन किसी का कहना नहीं मानता है। same child की तरह होता है।
  • इसलिए मन के स्तर पर energy transform प्यार से होता है।
  • पहले खुद  का ध्यान रखें। फिर अपनी परिवार का ध्यान रख सकते हैं। 
  • तभी हम अपने कार्य क्षेत्र में ध्यान रखकर सफल हो सकते हैं। 
  • यही Jivan mein navinta की सही equation  है।  
  • First responsibility मेरी खुद के प्रति है।
  • किसी भी प्रकार की सेवा करने से , यदि हम अपने स्थिति से Disturb हो गए हैं,  तो सेवा का कोई मतलब नहीं रह जाता है।पहले अपनी स्थिति सही कर लो। अपनी वर्तमान स्थिति से खुश होकर काम करें। यही सही स्थिति है और सही सफलता है। यही मन की स्थिति है।

6:Way of living ko Change karen: अपने जीने का तरीका  बदल दें।  

यदि हम अपने आसपास देखें तो हमारे पास  अपने आसपास के लोगों  से अधिक संशाधन हैं।यदि हमें तुलना करनी हैं ,तो उन लोगों से तुलना करें जिनके पास आप जैसे संशाधन नहीं है। हम अन्य  लोगों से अच्छी स्थिति में हैं। 
हमारे पास वह  सब कुछ है,जो बहुत सारे लोगों के पास नहीं है। हमें अपनी विचार प्रक्रिया को Change करना पड़ेगा । हमें अस्तित्व ने हमारी आवश्यकता से अधिक दिया है।
इस विराट अस्तित्व ने बहुत दिया है,जो दूसरे लोगों को नहीं दिया है। इस तुलनात्मक Vichar  को अपने दिल और  दिमाग में बोने से हम एक सफल एवं Nayi urja se लबरेज Jeevana mein navinta  की फसल काट सकते हैं।
हमें दिल की गहराई से सोचना है अर्थात अपने दिमाग के सबसे गहरे आयाम Subconscious Mind  से कहना  शुरू कर दो कि,  मैं दुनिया का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हूं। 
मैं क्यों सर्वश्रेष्ठ हूं?  निम्न कारण हो सकते हैं। 
  • मेरे पास वह सब कुछ है, जो एक व्यक्ति के लिए जीने के लिए आवश्यक है ।
  • क्या हमने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति के जीवन के मुख्य जरूरत क्या है?
  • हवा,पानी ,भोजन , ऊर्जा यह सभी चीजें प्रकृति से अमीर तथा गरीब को बराबर मात्रा में मिलती हैं ।
  • प्रकृति किसी के साथ भेद भाव नहीं करती है। प्रकृति ने सभी के साथ संतुलन बनाया है।  हम इसलिए परेशान हैं कि उसके पास कुछ ज्यादा है।
  • क्या हमने उस व्यक्ति से तुलना की है जिस व्यक्ति के पास हमारे जैसे संसाधन नहीं हैं।यह तुलना हम कभी नहीं करते हैं ।क्योंकि यहां पर हमारा अहंकार हमें श्रेष्ठ मानता है।
  • हम गहराई में चिंतन करें तो खुश रहने का एकमात्र तरीका है। उस अस्तित्व  प्रकृति या ब्रह्मांड के प्रति कृतज्ञ बनने का,  कि मुझे  उस अस्तित्व के द्वारा बहुत कुछ दिया गया है।
  • अपने Inner  Software द्वारा मन की गहराइयों में जाकर Imagine करें। बात करें,  हे अस्तित्व तूने मुझे मेरी जरूरतों से बहुत ज्यादा दिया है ।
  • है अस्तित्व तेरा धन्यवाद। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि , तू मेरे साथ है।

7: Live in present . वर्तमान में जीना.

  • अस्तित्व या ईश्वर से मन से कहना है कि मैंने जो चाहा तूने दिया है। 
  • वह केवल आपका नहीं है,सभी का  है । उस असीम शक्ति का मन ही मन धन्यवाद करें। 
  • तूने मुझे स्वस्थ  शरीर और स्वस्थ मन दिया है। तेरा लाख-लाख शुक्रिया कि , मैं सुख पूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं।तेरा लाख-लाख धन्यवाद कि तूने मुझे सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता एंव ज्ञान दे रखा है। तेरा धन्यवाद। तूने मुझे बहुत कुछ दिया है। जिसके पास मेरे जैसे संसाधन नहीं हैं।
  • दिल से सभी के सुख के लिए दुआ मांगे । जिसमें भी आपका विश्वास है, चाहे धर्म हो ,चाहे प्रकृति हो,चाहे कोई, शक्ति हो।  
  • जब आप  सभी के लिए दिल की गहराई से  दुआ मांगते हैं।तब आप अपने Jivan Mein Navinta  लाते हैं। सबसे पहले दुआओं का असर आप पर लगता है ।
  • आप का Vision विस्तृत एवं विशाल है जाता है। 
  • आप जब दूसरों के लिए सुख एवं अच्छे  स्वस्थ की कामना करते हैं । तो सर्वप्रथम सबसे पहले आप ही सुखी होते हैं।
  • आप ही सफल होते हैं,  आप ही  शांति और आनंद महसूस करते हैं । क्योंकि आपके द्वारा कहा गया प्रत्येक शब्द आपके   शरीर को कहीं ना कहीं सुख और शांति देता है।
  • आप द्वारा कहा गया प्रत्येक शब्द इस अस्तित्व में बीज की तरह है, जो आपको फसल के  रूप में प्राप्त होगा। दिल से सभी का धन्यवाद करें जिसने तुम्हारे लिए अच्छा किया हो।
  • दिल से धन्यवाद करें उस व्यक्ति का जिसने तुम्हारे लिए विपरीत परिस्थितियां पैदा की हो । क्योंकि सोना तप कर ही निखरता है। उसी प्रकार विपरीत परिस्थितियों सही है।
  • विपरीत परिस्थितियों से ही आपके धैर्य, विश्वास और क्षमता की पहचान होती है। परीक्षा की घड़ी में ही आपके साहस , शौर्य,  पराक्रम का प्रभाव देखने को मिलता है। 
  • प्रकृति के प्रति उदार होना ही असली  jivan  mein Naveen Vichar Parkriya का बीज बोना है। आपके अंदर विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है ।  
  • आप अधिक ऊर्जा और शक्ति से युक्त होते हैं । किसी  की परीक्षा तब होती है, जब परिस्थितियां  अनुकूल ना हो ।
  • जो हुआ अच्छा हुआ ।
  • जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है । 
  • जो होगा अच्छा होगा। यही सत्य है।  अपने दिमाग में अपने भाग्यशाली होने का विचार हर पल बोते रहें। 
  • खाना खाते समय कहे कि मैं कितना भाग्यशाली हूं कि मुझे पेट भर खाना मिल रहा है।
  • मैं कितना भाग्यशाली हूं कि मैं स्वच्छ हवा में सांस ले रहा हूं।
  • मैं कितना भाग्यशाली हूं कि मुझे प्रकृति के साथ तालमेल बिठाना आता है। 
  • अर्थात अर्थात प्रकृति मुझे ऑक्सीजन दे रही है और मैं प्रकृति को कार्बन डाइऑक्साइड दे रहा हूं।
  • मैं प्रकृति से अच्छा ले रहा हूं और मैं प्रकृति को बुरा दे रहा हूं।लेकिन प्रकृति मेरा कितना ख्याल रखती है। ऐ प्रकृति तेरा लाख-लाख धन्यवाद ।
  • हर व्यक्ति जिसने मेरे लिए।अच्छा किया हो बुरा क्या हो। कहीं ना कहीं सभी  मेरी भाग्य के निर्माण में सहायक थे। इस प्रकार हम सभी का धन्यवाद करें । 
  • सभी को अपने भाग्य के निर्माण में सहायक माने और अपने आपसे कहे कि हर पल भाग्यशाली है।  
आप माने  या न माने  पर निश्चित तौर पर आप परिणाम के रूप में आपके  द्वारा Vichar के रूप में बोले गए बीज की फसल को आप Future  में 100 गुना काटेंगे। यही जीवन में नवीनता के निर्माण की प्रक्रिया है।

In Conclusion :

इस लेख के माध्यम से हमने देखा कि विचार प्रक्रिया की शक्ति हमारे जीवन को कैसे समृद्धि और Navinta नवीनता से भर देती है। विचार प्रक्रिया से हम नए और सोचने की क्षमता प्राप्त करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सही मार्ग पर चल सकते हैं। 
यह हमें नए दृष्टिकोण और समाधानों की दिशा में मार्गदर्शन करती है और हमें समस्याओं का सही समाधान निकालने की क्षमता प्रदान करती है।
विचार प्रक्रिया की शक्ति से हम अपने जीवन में नए रंग भर सकते हैं, नए संभावनाओं का सामना कर सकते हैं और अपने स्वप्नों को हकीकत में बदल सकते हैं। 
इससे हमारा जीवन सबल, सतत, और सर्वांगीण विकास की दिशा में बढ़ता है। आइए, हम सभी मिलकर विचार प्रक्रिया Vicahar Prkriya  की इस शक्ति को समझें और अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए इसका सही इस्तेमाल करें।

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