kya shbdon ka parbhav hamaare man par padata hai:क्या शब्दों का प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है ?
जो कुछ भी हम दूसरों से कहते हैं वह महत्वपूर्ण होता है , लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण होता है कि हम अपने आपसे क्या कहते हैं।
- kya shbdon ka parbhav hamaare man par padata hai ?
- क्या (shabd)शब्द अमूर्त बल है ?
- kya (Shabdon) शब्दों में इतनी शक्ति होती है,कि हमारे जीवन को प्रभावित कर सकें ?
आज इन्ही प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए मैं अपना अनुभव आपके साथ साझा कर रहा हूँ। क्या shabdon ka parbhav man men हमेशा रहता hai? इसी प्रश्न से शुरूआत करते हैं।
यदि हमारे shabd)शब्द किसी के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं तो इन shabdon का प्रभाव हमारे न रहने के बाद भी रहता है।
भाषा में वर्णमाला को जोड़कर shabd)शब्द बनता है। (Shabdon) शब्दों को जोड़ कर वाक्य बनता है और वाक्यों से किसी के साथ संचार करने में सहायता मिलती है।
एक व्यक्ति ,दूसरे व्यक्ति तक भाषा के माध्यम से अपनी बात को संप्रेषित करता है। सारा खेल (Shabdon) शब्दों का है,वाक्य की रचना का है।
लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात है, हमारा (man) मन , शब्दों को catch कर के shabdon को अर्थ देता है।
इन shabdon को स्पंदन देकर विचार के रूप में बदलता है। हमारा मस्तिष्क एक receiver and sender की भांति काम करता है। इसी कारण मानव जाति का विकास भी कर रही है, कि हम एक दूसरे को भाषा के आधार पर समझ रहे हैं।
kya Shabd Vichar Generate karte hain: क्या शब्द विचार को उत्पन्न करते हैं?
Shabd: शब्दों से पहले वर्णमाला है, जिसे माला के रूप में पिरोकर Shabd बने जाता है। (Shabdon) शब्दों के एक या एक से ज्यादा अर्थ हो सकते हैं , लेकिन किसी वाक्य में प्रयुक्त shabd) शब्द का अर्थ भाषा को समझने में अपनी भूमिका अलग अलग निभाता है।
(शब्दों के प्रभाव )Shabdon ke parbhav ka नियम उदाहरण सहित समझने का प्रयास करते हैं।
- "तुम बुरे इंसान हो"
- "तुम अच्छे इंसान हो"
- तुम बुरे इंसान हो।
यहां पर (Shabdon) शब्दों ने तो अपना काम किया, लेकिन बुरे shabd) शब्द ने एक विचार उत्पन्न करने के लिए एक प्रकार से man मेंं trigger का काम किया।
यह बुरा shabd) शब्द हमारे दिमाग में पहले से भरी गई सूचना को Trigger कर, बुरे shabd) शब्द का बूरा विचार उत्पन्न करने लगता है।
इस बुरे shabd के कारण ही मस्तिष्क में बूरा विचार उत्पन्न हुआ और इस विचार ने हमारी भावनाओं को ट्रिगर किया।
इस shabd) शब्द और विचार के प्रभाव के कारण हमारे अंदर बुरे की भावना जागृत हुई। इस बुरे shabd ने हमारे अंदर बुरे का प्रभाव उत्पन्न किया और हम बुरा महसूस करते हैं।
बुरा महसूस होने के प्रभाव के कारण हमारे व्यक्तित्व में बुरा परलक्षित होता है और यह हमारा व्यक्तित्व बन जाता है।
- इसी प्रकार तुम अच्छे हो।
यहां पर एक अच्छा और बुरे shabd ke parbhav ने पूरी जीवन की विचार प्रक्रिया को ही बदल डाला है।
Shabdon ke parbhav man par kaise padata hai ? शब्दों का प्रभाव मन पर कैसे पड़ता है ?
- बुरा मत कहो।
- तुम बुरे व्यक्ति हो।
- पहला वाक्य सकारात्मक है, तुम बुरे व्यक्ति हो तो उसका विचार का प्रभाव भी बुरा होगा,
- लेकिन बुरा मत कहो यह वाक्य नकारात्मक होते हुए भी ,सकारात्मक वाक्य की तरह इस shabd ka parbhav उत्पन्न होता है।
"मत " shabd की किसी भी प्रकार की तस्वीर दिमाग नहीं बनाता क्योंकि मत का का अर्थ ना है और इसकी कोई इमेज नहीं है। "कहो" shabd की तस्वीर , दिमाग बना देता है।क्योंकि दिमाग कहना कैसे होता है ,जानता है।
- इसलिए दिमाग बुरा मत कहो की जगह," बूरा कहो" (शब्दों के प्रभाव )Shabdon ke parbhav उत्पन्न करता है।
इसलिए जब भी कोई नकारात्मक shabd इस प्रकार से बोले जाते हैं।
- "बुरा मत सुनो"
- "बुरा मत बोलो"
- "गंदगी मत करो"
- "गाली मत दो"
इसलिए कहा जाता है, कि दिमाग को हमेशा सकारात्मक सुझाव देनी चाहिए। जिससे सकारात्मक विचार उत्पन्न हो।
सकारात्मक shabdon ke parbhav (शब्दों के प्रभाव ) से सकारात्मक ऊर्जा संप्रेषित होगी। इसीलिए बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो की जगह हमें कहना है..............
- "अच्छा देखो"
- "अच्छा सुनो"
- "अच्छा बोलो"
- "स्वस्थ रहो"
- "स्वच्छता रखो"
Shabdon ke parbhav man par kyon padata hai ?
हमारा दिमाग (Shabdon) शब्दों में नहीं सोचता है। दिमाग हमेशा shabdon की काल्पनिक तस्वीर को सबसे पहले generate करता है। फिर उस तस्वीर को भावना के रंग में रंग कर प्रस्तुत करता है।
दिमाग की भाषा image में होती है, तस्वीर में होती है। इसलिए danger का sign board शब्दों या वाक्यों से पहले image में प्रदर्शित किया जाता है।
भाषा से पहले किसी image और diagram को दिमाग जल्दी catch करता है।किसी भी शब्द का मूल्य हमारे मन में बनी image के कारण होता है।
शब्दों के प्रभाव (shabdon ke parbhav) से भाग्य का निर्माण।
- Shabd) शब्द तो सामान्य संचार के लिए आवश्यक है तथा (Shabdon) शब्दों के कारण ही हम सामान्य जीवन में सरल तरीके से वार्तालाप करते हुए हुए अपना जीवनयापन करते रहते हैं।
- क्या (Shabdon) शब्दों में बहुत शक्ति होती हैं, हमारे विचारों को प्रभावित करने की ? सत्य तो कुछ और है।shabd तभी शक्तिशाली होते हैं जब हमारा (man) मन इन shabdon को पोषित करता है।
- हम कौन सा विचार उत्पन्न करते हैं ?
- हमारी भाषा की अभिव्यक्ति कैसी है ?
- यह सब हमारे शब्दों एवं विचारों के प्रभाव से उत्पन्न होता है। जैसे shabdon का उपयोग हम करेंगे वैसे ही हमारे भाग्य का निर्माण होता है।
क्योंकि कोई shabd) शब्द जब बोला जाता है, तो कोई प्रभाव नहीं छोड़ता लेकिन जब वह हमारे मस्तिष्क के अवचेतन मन में stored हो जाता है, तो उसी प्रकार के विचार और भावनाएं पैदा होती हैं। इसलिए सुबह शबेरे इन शब्दों के साथ affirmation की शुरुवात करें।
- आज का दिन बहुत सुन्दर है
- आज मैं ऊर्जा से भरपूर हूँ।
- मैं पहले से ही शांत स्वरुप हूँ।
- मैं शक्तिशाली हूँ।
- मैं सौभाग्यशाली हूँ।
- मैं जिन्दा हूँ, इसलिए मैं आज सभी लोगों से अच्छे से व्यवहार करूँगा।
- मेरे द्वारा अपने तथा दूसरों के काम आसानी से संपन्न हो रहे हैं।
- मैं अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभा रहा हूँ।
- मेरे अन्दर प्रेम , शांति एवं आनंद के विचार प्रवाहित हो रहे हैं।
- मेरा आज का दिन खास होने वाला है।
इन (Shabdon) शब्दों का उपयोग करके हमारे भाग्य का निर्माण होता है। इसलिए यदि आप चाहते है, कि आप सही विचार के प्रभाव उत्पन्न करें तो हमेशा सकारात्मक (Shabdon) शब्दों का ही चयन करें।
क्योंकि कहे गए shabd एक प्रकार से उर्जा ही हैं। और यही shabd एवं विचार हमारे आसपास के माहौल को अपनी vibration से प्रभावित करते रहते हैं।
In conclusion:
हमारे द्वारा सोचे गए और कहे गए shabd एक प्रकार से बीज है। इन शब्दों से उत्पन्न विचरों के प्रभाव की फसल हमें ही काटनी है।
इसलिए एक-एक shabd को जागरूक होकर कहें एवं सोचें।हमारे विचार हमारे भविष्य के निर्माण में सहायक होते हैं। इस प्रकार (शब्दों के प्रभाव ) Shabdon ka parbhav hamaare man par padata hai और हमारे भविष्य का निर्माण करता है।
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