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man ki safai kaise karen vishakt tatvo se?

 Man ki safai kaise karen vishakt tatvo se.

Water-is-the- best-way-for-Man-ki-safai-ka

क्या water की सहायता से हम मन  से toxic thoughts एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ ( toxic acid) बहार निकाल सकते हैं?  इसी विषय को लेकर हम इस article के माध्यम से शरीर और मन की सफाई  पर चर्चा कर रहे हैं।

आज  हमारा  way of living  का Standard पहले  समय की तुलना में बहुत अच्छा हो गया है। शरीर एवं मन  के मामले में भोजन व विचारों को  लेकर सभी लोग जागरूक हो रहें हैं। 

खानपान पर तथा  पोषक तत्वों को लेकर सभी लोग अच्छा ज्ञान रखते हैं। हम एक दिन में तीन बार स्वादिष्ट एवं  पोषक तत्वों से भरा भोजन करते हैं। भोजन ग्रहण करने के  मामले में हम सभी विशेष ध्यान रखते हैं।

पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर शरीर  और  मन (Sharir and Man ) के लिए सही भोजन या खाद्य सामग्री का चुनाव करना हमारी प्राथमिकता होती है। 

Vishakt Tatvo ka Sharir avm Man Par Parbhav.

हमारा शरीर  और  मन (Sharir and Man )  भोजन से  लगातार ऊर्जा ग्रहण करता   रहता है।  लेकिन भोजन से पोषक तत्व लेने के पश्चात हमारी बॉडी garbage and waste material को स्वयं ही  बाहर   करती रहती है।

  • यदि हम भोजन को लेकर बहुत जागरुक भी हैं और सही पोषक तत्वों से भरा भोजन  भी ले रहे हैं, तो भी हमारे  शरीर को इन पोषक तत्वों से  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  प्राप्त होता रहता है। 

यदि  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को बाहर निकालने का रास्ता ना मिले तो इन  विषाक्त तत्व के कारण शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। 

आज का वे आफ लिविंग कहे या लाइफ़स्टाइल कहे , लोग हेल्दी फूड के बजाय जंक फूड खाना पसंद कर रहे हैं।  

इस प्रकार के भोजन से शरीर व मन दोनों पर ज्यादा मात्रा में  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  का निर्माण होना स्वाभाविक है।

इस प्रकार  विषाक्त तत्व  के कारण मन में नकारात्मक थॉट उत्पन्न होने के कारण मन के स्तर पर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का निर्माण होना भी स्वाभाविक है। 

मन के स्तर पर उत्पन्न (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  शरीर को ही डैमेज करेंगे तथा प्रतिकूल असर डालेंगे।
क्या कभी हमने  शरीर को एक परफेक्ट मशीन समझा है?
आज मैं इस ब्लॉग में इस बात पर चर्चा करूंगा कि शरीर  और  मन (Sharir and Man ) से आसान तरीके से  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  की  सफाई (safai) कैसे करें ?
  • क्या  हमारा शरीर इस  अस्तित्व की अद्भुत रचना है?
  • क्या हम अपने शरीर के बारे में हंड्रेड परसेंट जानते हैं? 
  • क्या हम ने अपने शरीर की आवाज को सुना है? 
  • क्या हमने अपने शरीर पर भरोसा किया है? 
  • क्या हमने शरीर और मन (Sharir and Man )को स्वस्थ रखने के लिए इनके कार्य व्यवहार को समझा है ?
  • क्या हम शरीर के  स्तर पर सचेतन हैं ?
हमारे इस शरीर और मन (Sharir and Man )सहायता से ही दुनियां की  परफेक्ट मशीनों  निर्माण हुआ है   और  रहा है। कंप्यूटर भी , इस  शरीर  की  परफेक्ट रचना है।  
हमारा शरीर एक पर्फेक्ट मशीन की तरह  कार्य करता है।  आईए शरीर की एक एक  कार्य प्रणाली पर  चर्चा करते हैं। 
शरीर और मन (Sharir and Man  से  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   की  सफाई कैसे करें?
हम एक दिन में तीन बार भोजन करते हैं। हमारा भोजन  स्वदिष्ट एवं पोस्टिक हो सकता  है । भोजन के मामले में  हम हमेशा ध्यान रखते हैं।
हम भोजन से सभी पोषक तत्व प्राप्त करते हैं । भोजन से हमारे शरीर का निर्माण होता है। हम ऊर्जा प्राप्त करते रहते हैं । 
हमारा शरीर पोषक तत्वों को स्वीकार कर , Garbage  and waste materials  को बाहर करता रहता है। 
  • हमे भोजन से पोषक तत्वों के अलावा शरीर को (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   भी  प्राप्त होता है। इन (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  का  हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हमारे मन पर भी (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  का Negative  प्रभाव पड़ता है। 

  • जिससे मन में नकारात्मक Thoughts  Generate होते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल Non vegetarian भोजन से ही (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   शरीर को मिलते हैं,  बल्कि vegetarian भोजन से भी  शरीर में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व    का निर्माण होता है। 
(Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  का  शरीर और मन (Sharir and Man )   के स्तर पर प्रभाव पड़ता है और  परिणाम में रोग उत्पन्न होते हैं। 
ऐसा क्यों होता है?  हमारा भोजन एवं पानी ग्रहण करने के तरीके  से  भी हमारे शरीर में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   उत्पन्न होते हैं। 

शरीर व मन से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   and Negative Thoughts का निर्माण कैसे  होता है ?                          

मोटे तौर पर पेट में भोजन पचाने की प्रक्रिया होती है । मैं इसके बारे में जीव विज्ञान के आधार पर Discuss नहीं करूंगा बल्कि जो मेरा मुख्य उद्देश्य है,  Way Of Living को Change करके अपनी सोचने का तरीका बदलना, उसी पर ही बात करूंगा।
भोजन के पेट में पहुंचते ही पेट के सारे मुख्य अंग जैसे अग्नाशय,पित्ताशय आदि  अपना काम शुरू कर देते हैं। 
एंजाइम मुख्य भूमिका में होते हैं । फिर छोटी व बडी़ आत आदि अपना काम करते हैं । पाचन तंत्र सक्रिय रहता है।
लेकिन मैं एक बात पर मुख्य फोकस करना चाहता हूं , कि हमारे शरीर में छोटी आत में लगे चूषकों  द्वारा भोजन के पोषक पदार्थों को, रक्त में भेजा जाता है और अवशिष्ट पदार्थ या काम नहीं आने वाले पदार्थ को  मलाशय से द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।

Sharir and Man Ki Prtikriy and Vishakt Tatvo : शरीर स्वयं अच्छे को ग्रहण करता है और गन्दगी को बाहर।

जब हमारा शरीर स्वयं अपने आप ही  अच्छे को ग्रहण करता है और गंदगी को बाहर का रास्ता दिखा देता है , तो हम क्यों कहीं से भी  से नकारात्मक सूचना को ग्रहण करते रहते हैं। 

हम  अपनी आंख और कान रूपी स्केनर के माध्यम से कई प्रकार की सूचनाएं , जो झूठी भी हो सकती हैं,  लगातार समाज से कई माध्यमों से ग्रहण करते रहते हैं। 

  • ये  कारण काफी है मन के  स्तर पर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   के निर्माण  के  लिए। जैसे डर , अवसाद, तनाव, झूठी शान, झूठा मान, द्वेष आदि को लगातार ग्रहण करते रहते हैं।  
ये  सूचनाएं  हमारे चेतन मन के सहारे  हमारे शरीर में प्रवेश करते ही कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देती है।

शरीर का भोजन व पानी को ग्रहण करने का तरीका।

हमारा भोजन कैसा होना चाहिए ? इस  प्रश्न का उत्तर खुद के काम करने के तरीके से मिल जाता है । हम  कौन से व्यवसाय में है। हमारे शरीर को प्रतिदिन कितनी कैलोरी की जरूरत है?

हमें किसी से पूछने की जरूरत नहीं है,कि मुझे कैसा भोजन करना है? गहराई में विचार कर सोचें , तो हमारा शरीर हमसे कहता है, कि मुझे क्या खाना है और क्या नहीं खाना है? कितना खाना है और किस प्रकार से भोजन ग्रहण करना है? 
इसलिए भोजन ग्रहण करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें , कि भोजन ग्रहण कर रहे हो , तो भोजन ग्रहण करें  अन्य कोई भी चीज हमारे ध्यान न भटकाये ।

Vishakt Tatvo  ka karan :विषाक्त तत्व  का कारण। 

हम सभी अक्सर भोजन करते समय टीवी ऑन करके या mobile देखकर भोजन करते रहते हैं।  या हमारे मन में चल रहे विचारों को सोचते सोचते हम भोजन करते रहते हैं।
यही भोजन हमारे दिमाग पर ज्यादा प्रभाव डालता है, और शरीर का सॉफ्टवेयर होने के नाते या शरीर का कंट्रोल दिमाग से होने के कारण हमारे शरीर पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।
Result . शरीर की  आंतरिक  किर्या प्रणाली। 

  • जैसी Information and News टीवी/mobile  में चल रही होती है। वैसे ही Thoughts हमारे मन में Generate  होते है,  और हम भोजन करते समय इन Thoughts को अपने अन्दर ग्रहण करके शरीर  में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   का निर्माण  करते  रहते  हैं।

  • भोजन करते समय हमारे शरीर का पाचन  System  पूरी तरह से सक्रिय होकर अपना कार्य बड़ी शिद्दत से प्रारंभ कर देता है। शरीर का प्रत्येक अंग अपनी भागीदारी बड़े समर्पण भाव से भोजन पचाने में करता रहता है।  
  • लेकिन हम पूरी तरह से सर्मपण  के भाव से भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। हमें शान्ति , आनंद एवं सुखी thought process के  साथ भोजन करना चाहिए था। यही हमारे बस में था,  लेकिन हम बाहर से आयी Information एवं विचारों के साथ भोजन ग्रहण करते हैं । 
  • यही विचार (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   का कारण बनते है। इसी प्रकार मन(man) पर भी  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   का विपरीत प्रभाव पड़ता है।   
  • (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व    के  कारण हमारे शरीर की पाचन क्रिया पर फर्क पड़ता है।  
  • पेट में Acidity होना (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   का  मुख्य कारण है। 
शरीर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व     के कारण उत्पन्न होने वाले प्रभाव को दर्द के रूप में हमारे सामने रख देता है।
अब हम पर निर्भर करता है,कि हम शरीर को कौन सा भोजन दें तथा दिमाग को कौन सा भोजन दें। आज के सूचना युग में हमारे  दिमाग का भोजन ही हमारी बीमारियों की मुख्य जड़ है।
यह निर्णय अब हमारा ही है , कि हम किस प्रकार की सूचना को ग्रहण करें व किस सूचना को ग्रहण न करें। सही सकारात्मक सूचना से हम (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   बाहर  निकाल कर  अपने दिमाग को स्वस्थ रख सकते हैं। 
तनाव,अवसाद, स्ट्रेस, डर आदि के लिए (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   एवं  हम स्वयं ही जिम्मेदार हैं। 
  • इन्हें साइकोसोमेटिक बीमारी कहते हैं।  क्योंकि इस प्रकार की बीमारियां मन के स्तर पर  उत्पन्न होती है । 
मन में यदि नकारात्मक विचार उत्पन्न होते रहते हैं तो इन बीमारियों में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है । (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व    बिमारियों   का मूल कारण  है।  

Solution form Vishakt Tatvo: Is our body is a  perfect machine?  

दिमाग के स्तर पर हम कई प्रकार के भोजन या सूचना को ग्रहण कर रहे हैं और अपने मन(man) को कलुषित करते रहते हैं । 
क्योंकि इस सूचना के युग में हमारे पास अनेक प्रकार की सूचनाएं, किसी न किसी माध्यम से पहुंचती रहती हैं और हम उस सूचना को ग्रहण करके  शरीर और मन (Sharir and Man) को दूषित करते रहते हैं ।
यह मन का दोष है बीमारी के रूप में शरीर में उत्पन्न होता है। शरीर का इसमें कोई दोष नहींहै। 
  • हमारे शरीर की कोशिकाएं एक सेवक की भांति लगातार अपना कार्य करती रहती हैं।  जो भी कार्य हमारे मन(man) द्वारा कोशिकाओं को दिया जाता है, उसे बिना किसी भेदभाव के वे पूरी शिद्दत के साथ पूर्ण करती है।  
  • सूचना या  कार्य चाहे सकारात्मक हों या नकारात्मक , कोशिकाएं किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करती है , बल्कि हमेशा संभाव से  सेवक की तरह अपना कार्य करती रहती हैं। इसी कारण हमारा शरीर परफेक्ट मशीन है। 

कोशिकाओं का  काम ही है , दिये गये कार्य को पूरा करना ।  यही इन्नर  सॉफ्टवेयर है , जो कोशिकाओं को संदेश देता रहता है और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता है। 
यही प्रकृति का नियम है। यही अस्तित्व का नियम है। हमारे शरीर, मन (man)  द्वारा दिए गए सभी प्रकार के आदेशों को ग्रहण करता है। 
इस बात को हम जानते हुए भी नकार देते हैं कि, समाज द्वारा प्राप्त सूचना को आधार मानकर एक विचार हमारे मन(man) में उपजता है और हम इस सूचना एवं विचार के सहारे किसी निर्णय तक पहुंचते  हैं।
यह निर्णय ही हमारे भाग्य का निर्माता है। यह निर्णय सही भी हो सकता है और गलत भी हो सकता है।  दोनों परिस्थितियों में परिणाम हमारे शरीर ने  हीं भुगतना है ।
Solution 1: एक समय में एक ही काम करें।
  • भोजन करें हैं तो सिर्फ भोजन ही करें।
  • अन्य काम ना करें , अन्य विचार न करें।
  • पानी पी रहे हैं , तो बैठ कर आराम से पानी पियें। 
  • शांत होकर शिद्दत के साथ आनंदित  होकर होकर भोजन करें। भोजन करने से पहले भोजन का धन्यवाद अदा करें एवं समर्पण भाव से भोजन के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें ।
Solution 2: व्रत करें। शरीर और मन (Sharir and Man ) से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   And Negative thoughts को साफ़  करने का सबसे आसान उपाय है कि व्रत करें।
  • सप्ताह में एक दिन यह महीने में 1 दिन या 2 दिन व्रत कर सकते हैं।  यह सबसे आसान कार्य है,  शरीर और मन (Sharir and Man से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को बाहर निकालने । 
  • अपने शरीर के अंगों को आराम देना हमारा फर्ज बनता है। हम कोई भी काम शिदधत  से करें या ना करें , लेकिन हमारे शरीर के अंग बड़ी शिद्दत के साथ अपना कार्य पूर्ण रूप से निभाते हैं। 
  • इसलिए इन सभी अंगो का धन्यवाद अदा करें।
Solution 3: शरीर से  water  की सहायता से  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को बाहर करना है।
  • हमारे शरीर में 70% water  होता है।water  ही जीवन है। क्या हमने कभी water  को धन्यवाद किया है ?  water हमारे बाहरी  शरीर को तो साफ करता ही  है लेकिन अंदरूनी तौर पर यह ज्यादा महत्त्व रखता है। water  ही हमारे जीवन का आधार है। 
  • water पीने से पहले water  को समर्पण भाव से देखें और महसूस करें । मन(man) में विचार उत्पन्न करें कि यह अमृत है । यह मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान कर रहा है। यह water   मेरे अंदर सारे अंगों स्वास्थ्य एवं निरोग तुल्य बना रहा है। 
  • यह water  , शरीर से Toxic Acid  को बाहर कर रहा है। यह water  मेरे अंदर मन में चल रहे Negative Thought को बाहर कर रहा है। यह water  मेरे शरीर और मन (Sharir and Man ) में स्फूर्ति पैदा कर  रहा है। यह water मेरे शरीर और मन (Sharir and Man को स्वस्थ कर रहा है।
Water  पर जापानी रिसर्च। मन एवं शरीर से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   की सफाई करना। 
  • जिस  Quality की   Information होगी उसी Quality के thought Generate  होते हैं।
  • मन (man)में प्रत्येक क्षण कुछ न कुछ विचार चलता रहता है। यही मन का स्वभाव है , लेकिन  मन(man) में क्या है ?  
  • मन(man) में एक मेमोरी है। इसमें वही विचार चलते हैं , जो पहले से इसमें  Store  होते हैं। ताश की गड्डी की तरह है। मन (man) इसमें पडीं सूचनाओं को तास के पत्तो की तरह फेटता रहता हैं,और सूचना के रूप में विचार उत्पन्न करता रहता है। 
  • इस मन (man) रूपी Store में कई प्रकार की सूचनाओं  का कचरा इकट्ठा होता है।  
  •  हम इस कचरे को कैसे साफ करें?  विचारों से  उत्पन्न  (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को  कैसे दूर करें ?
Solution 5: खुलकर हंसे।
खुलकर हंसने से मन एवं शरीर के बीच की प्रतिक्रिया सुधरती है। Androfin Harmones का स्राव होता है।यह शरीर के system को दुरुस्त रखता है।
Solution 6: How to remove (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  from your life ?
  • घर की सफाई विशेषकर फोटो,  मूर्तियों को सिर्फ अपने हाथों से हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।
  • ऐसा करने से आपके मन का मैल साफ होता है।यही मैल Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  का कारण बनते हैं।
  • निगेटिव विचार मन से बाहर निकलते हैं।
  • आपको शांति और और आराम महसूस होता है।
  • गमले में लगे पौधे को अपने हाथों से सुबह-शाम अपने परिवार के सदस्यों की तरह खाद एवं  पानी दे।
  • बागवानी करें और देखभाल करें ।
  • ऐसा करने से आपके Over thinking पर लगाम लग जाती हैं।
10 मिनट के लिए शांत होकर बैठे । दिमाग को बिलकुल शून्य Thought Process में लाने की कोशिश करें।हमारी सबसे बडी समस्या है , कि हमे दिमाग को आराम देना नहीं आता है । 

जबकि यह बहुत आसान है।  10 मिनट तक एक जगह बैठकर गहरी सांस लें।  प्राणायाम करें। 
  • सोचे कि अंदर जाती हवा   स्वच्छ विचार ऊर्जा से भरपूर है ।
  • मेरे दिमाग को तरोताजा कर रही है। शरीर की सारी cells को ताजी हवा मिलने से आराम मिल रहा है। 
  • नाक से बाहर आती हवा मेरे मन (man) के Negative Thought को बाहर कर  रही है।
  • शरीर के  सारे (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   बाहर आती हवा के साथ ही बाहर निकल गये हैं।अपने आसपास पेड़ पौधों का धन्यवाद अदा करें कि मैं आपके द्वारा दी  ऑक्सीजन को लेकर  जीवित हूँ। । 
  • पेड़ पौधों के प्रति कृतज्ञ बने , क्योंकि आप की हर सांस  पेड़ पर  अटकी  है। बगीचे में पेड़-पौधों को इस तरह बात करें कि वे आपकी बात सुन रहे हैं।
Reason 

जब एक पेड़ आपको जिंदा रख सकता है, तो क्या आप द्वारा कहे शब्दों का वह नहीं सुनेगा? पेड़ जरूर सुनेगा लेकिन,  आपको पेड़ के प्रति समर्पण भाव व विश्वास का भाव रखना होगा। तभी यह फलदाई होगा। आप अपनी परेशानी को ,समस्या को ,पेड़ के सामने रख सकते हैं ।
  • इस तरह से सोचने से आप की Inner Strength मजबूत होती है। प्रकृति आपको Result में कुछ न कुछ जरूर लोटाती है। प्रकृति वही आपको  लौटाती है,  जैसा आप अन्दर से अनुभव करते हैं। 
प्रकृति आपकी परेशानी को हल जरूर करती है। यही सबसे आसान तरीका है अपने शरीर एवं  मन से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को clean करने का। 

विचारों से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   को  कैसे साफ (saf)करें ?

चेतन मन (man) सूचनाओं को छानने की शक्ति से भरपूर है । चेतन मन (man) में सही  Quality  का फिल्टर लगाकर हम  अपने अंदर सही Quality  के विचार उत्पन्न कर सकते हैं, और सही विचार की खेती करके,  शांति और आनंद जो पहले से ही हमारे अंदर में मौजूद हैं , कि फसल को हम काट सकें।                   

  • हम कह सकते हैं. कि दुनिया में जितने भी परफेक्ट मशीनों का निर्माण हुआ है इस मानव शरीर के द्वारा ही संभव हुआ है । यह शरीर दुनिया के किसी भी प्रकार की बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझा सकता है। क्या यह शरीर दुनिया की परफेक्ट मशीन नहीं है ?
  • अवश्य है लेकिन हमने अपने विचारों को छोटा कर देने के कारण  हमने शरीर और मन (Sharir and Man को छोटा कर दिया है । सर्वोच्च   रचना के बदले  हमने तुछता को ग्रहण कर लिया है। आप ही बताएं क्या यह सही है ?   

In Conclusion : 

मन (man) के स्तर पर हमारा सामना मात्र पांच इंद्रियों के प्राप्त ज्ञान के आधार पर होने के कारण हम मात्र चेतन मन तक ही सीमित है। इसलिए मन  में नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। मन से टॉक्सिक एसिड्स बाहर निकल जाएंगे यदि आप 30 मिनट रोज अपने शरीर के लिए एक्सरसाइज करते हैं।  
यह भी काफी होगा, लेकिन ध्यान रहे पसीना भी आना चाहिए। पसीना निकलना सबसे   बेस्ट  तरीका है , शरीर और मन (Sharir and Man ) से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व  की सफाई (safai) करने का । 
हम इंफॉर्मेशन के युग में हैं यहां पर सूचना का महत्व इसी प्रकार से  लगाया जाता है, कि कौन सूचना को सबसे पहले प्राप्त करके फॉरवर्ड करता है। इसलिए सभी लोग ना चाहते हुए भी मन को सूचना  भरे  कचरे के   ढेर में तब्दील कर रहे हैं। 
यह कचरा हमारे शरीर और मन (Sharir and Man का पोषण सही ढंग से करेगा? हमने  मन में उत्पन्न विचारों और असीमित दिनचर्या से शरीर के अंदर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   का निर्माण होने से पेट में एसिडिटी होना एक  प्रभाव है। 
हमारा मन रूपी सीपीयू वही आउटपुट देता है , जैसे इंफॉर्मेशन इसमें फिट की जाएगी। आपके पास विकल्प है , आप अपने मन को बासी भोजन,  जैसे  बाहर की  सूचना से feed  करते हैं
या आप अपने मन (man) को   प्रकृति के नियमों के तहत भोजन को  अपने अंदर लेते है।  यह आपका निर्णय होगा, क्योंकि  यह जीवन  आपका है।  
इस प्रकार से हम अपने शरीर और मन (Sharir and Man से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व   की सफाई (safai)  कर सकते हैं। 

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