Man ki safai kaise karen vishakt tatvo se.
क्या water की सहायता से हम मन से toxic thoughts एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ ( toxic acid) बहार निकाल सकते हैं? इसी विषय को लेकर हम इस article के माध्यम से शरीर और मन की सफाई पर चर्चा कर रहे हैं।
आज हमारा way of living का Standard पहले समय की तुलना में बहुत अच्छा हो गया है। शरीर एवं मन के मामले में भोजन व विचारों को लेकर सभी लोग जागरूक हो रहें हैं।
खानपान पर तथा पोषक तत्वों को लेकर सभी लोग अच्छा ज्ञान रखते हैं। हम एक दिन में तीन बार स्वादिष्ट एवं पोषक तत्वों से भरा भोजन करते हैं। भोजन ग्रहण करने के मामले में हम सभी विशेष ध्यान रखते हैं।
पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर शरीर और मन (Sharir and Man ) के लिए सही भोजन या खाद्य सामग्री का चुनाव करना हमारी प्राथमिकता होती है।
Vishakt Tatvo ka Sharir avm Man Par Parbhav.
हमारा शरीर और मन (Sharir and Man ) भोजन से लगातार ऊर्जा ग्रहण करता रहता है। लेकिन भोजन से पोषक तत्व लेने के पश्चात हमारी बॉडी garbage and waste material को स्वयं ही बाहर करती रहती है।
- यदि हम भोजन को लेकर बहुत जागरुक भी हैं और सही पोषक तत्वों से भरा भोजन भी ले रहे हैं, तो भी हमारे शरीर को इन पोषक तत्वों से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व प्राप्त होता रहता है।
यदि (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व को बाहर निकालने का रास्ता ना मिले तो इन विषाक्त तत्व के कारण शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
आज का वे आफ लिविंग कहे या लाइफ़स्टाइल कहे , लोग हेल्दी फूड के बजाय जंक फूड खाना पसंद कर रहे हैं।
इस प्रकार के भोजन से शरीर व मन दोनों पर ज्यादा मात्रा में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का निर्माण होना स्वाभाविक है।
इस प्रकार विषाक्त तत्व के कारण मन में नकारात्मक थॉट उत्पन्न होने के कारण मन के स्तर पर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का निर्माण होना भी स्वाभाविक है।
- क्या हमारा शरीर इस अस्तित्व की अद्भुत रचना है?
- क्या हम अपने शरीर के बारे में हंड्रेड परसेंट जानते हैं?
- क्या हम ने अपने शरीर की आवाज को सुना है?
- क्या हमने अपने शरीर पर भरोसा किया है?
- क्या हमने शरीर और मन (Sharir and Man )को स्वस्थ रखने के लिए इनके कार्य व्यवहार को समझा है ?
- क्या हम शरीर के स्तर पर सचेतन हैं ?
- हमे भोजन से पोषक तत्वों के अलावा शरीर को (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व भी प्राप्त होता है। इन (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हमारे मन पर भी (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का Negative प्रभाव पड़ता है।
- जिससे मन में नकारात्मक Thoughts Generate होते हैं। ऐसा नहीं है कि केवल Non vegetarian भोजन से ही (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व शरीर को मिलते हैं, बल्कि vegetarian भोजन से भी शरीर में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का निर्माण होता है।
शरीर व मन से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व and Negative Thoughts का निर्माण कैसे होता है ?
Sharir and Man Ki Prtikriy and Vishakt Tatvo : शरीर स्वयं अच्छे को ग्रहण करता है और गन्दगी को बाहर।
जब हमारा शरीर स्वयं अपने आप ही अच्छे को ग्रहण करता है और गंदगी को बाहर का रास्ता दिखा देता है , तो हम क्यों कहीं से भी से नकारात्मक सूचना को ग्रहण करते रहते हैं।
हम अपनी आंख और कान रूपी स्केनर के माध्यम से कई प्रकार की सूचनाएं , जो झूठी भी हो सकती हैं, लगातार समाज से कई माध्यमों से ग्रहण करते रहते हैं।
- ये कारण काफी है मन के स्तर पर (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व के निर्माण के लिए। जैसे डर , अवसाद, तनाव, झूठी शान, झूठा मान, द्वेष आदि को लगातार ग्रहण करते रहते हैं।
शरीर का भोजन व पानी को ग्रहण करने का तरीका।
Vishakt Tatvo ka karan :विषाक्त तत्व का कारण।
- जैसी Information and News टीवी/mobile में चल रही होती है। वैसे ही Thoughts हमारे मन में Generate होते है, और हम भोजन करते समय इन Thoughts को अपने अन्दर ग्रहण करके शरीर में (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का निर्माण करते रहते हैं।
- भोजन करते समय हमारे शरीर का पाचन System पूरी तरह से सक्रिय होकर अपना कार्य बड़ी शिद्दत से प्रारंभ कर देता है। शरीर का प्रत्येक अंग अपनी भागीदारी बड़े समर्पण भाव से भोजन पचाने में करता रहता है।
- लेकिन हम पूरी तरह से सर्मपण के भाव से भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। हमें शान्ति , आनंद एवं सुखी thought process के साथ भोजन करना चाहिए था। यही हमारे बस में था, लेकिन हम बाहर से आयी Information एवं विचारों के साथ भोजन ग्रहण करते हैं ।
- यही विचार (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का कारण बनते है। इसी प्रकार मन(man) पर भी (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व के कारण हमारे शरीर की पाचन क्रिया पर फर्क पड़ता है।
- पेट में Acidity होना (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का मुख्य कारण है।
- इन्हें साइकोसोमेटिक बीमारी कहते हैं। क्योंकि इस प्रकार की बीमारियां मन के स्तर पर उत्पन्न होती है ।
Solution form Vishakt Tatvo: Is our body is a perfect machine?
- हमारे शरीर की कोशिकाएं एक सेवक की भांति लगातार अपना कार्य करती रहती हैं। जो भी कार्य हमारे मन(man) द्वारा कोशिकाओं को दिया जाता है, उसे बिना किसी भेदभाव के वे पूरी शिद्दत के साथ पूर्ण करती है।
- सूचना या कार्य चाहे सकारात्मक हों या नकारात्मक , कोशिकाएं किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करती है , बल्कि हमेशा संभाव से सेवक की तरह अपना कार्य करती रहती हैं। इसी कारण हमारा शरीर परफेक्ट मशीन है।
- भोजन करें हैं तो सिर्फ भोजन ही करें।
- अन्य काम ना करें , अन्य विचार न करें।
- पानी पी रहे हैं , तो बैठ कर आराम से पानी पियें।
- शांत होकर शिद्दत के साथ आनंदित होकर होकर भोजन करें। भोजन करने से पहले भोजन का धन्यवाद अदा करें एवं समर्पण भाव से भोजन के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें ।
- सप्ताह में एक दिन यह महीने में 1 दिन या 2 दिन व्रत कर सकते हैं। यह सबसे आसान कार्य है, शरीर और मन (Sharir and Man ) से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व को बाहर निकालने ।
- अपने शरीर के अंगों को आराम देना हमारा फर्ज बनता है। हम कोई भी काम शिदधत से करें या ना करें , लेकिन हमारे शरीर के अंग बड़ी शिद्दत के साथ अपना कार्य पूर्ण रूप से निभाते हैं।
- इसलिए इन सभी अंगो का धन्यवाद अदा करें।
- हमारे शरीर में 70% water होता है।water ही जीवन है। क्या हमने कभी water को धन्यवाद किया है ? water हमारे बाहरी शरीर को तो साफ करता ही है लेकिन अंदरूनी तौर पर यह ज्यादा महत्त्व रखता है। water ही हमारे जीवन का आधार है।
- water पीने से पहले water को समर्पण भाव से देखें और महसूस करें । मन(man) में विचार उत्पन्न करें कि यह अमृत है । यह मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान कर रहा है। यह water मेरे अंदर सारे अंगों स्वास्थ्य एवं निरोग तुल्य बना रहा है।
- यह water , शरीर से Toxic Acid को बाहर कर रहा है। यह water मेरे अंदर मन में चल रहे Negative Thought को बाहर कर रहा है। यह water मेरे शरीर और मन (Sharir and Man ) में स्फूर्ति पैदा कर रहा है। यह water मेरे शरीर और मन (Sharir and Man ) को स्वस्थ कर रहा है।
Search Results
- जिस Quality की Information होगी उसी Quality के thought Generate होते हैं।
- मन (man)में प्रत्येक क्षण कुछ न कुछ विचार चलता रहता है। यही मन का स्वभाव है , लेकिन मन(man) में क्या है ?
- मन(man) में एक मेमोरी है। इसमें वही विचार चलते हैं , जो पहले से इसमें Store होते हैं। ताश की गड्डी की तरह है। मन (man) इसमें पडीं सूचनाओं को तास के पत्तो की तरह फेटता रहता हैं,और सूचना के रूप में विचार उत्पन्न करता रहता है।
- इस मन (man) रूपी Store में कई प्रकार की सूचनाओं का कचरा इकट्ठा होता है।
- हम इस कचरे को कैसे साफ करें? विचारों से उत्पन्न (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व को कैसे दूर करें ?
- घर की सफाई विशेषकर फोटो, मूर्तियों को सिर्फ अपने हाथों से हफ्ते में एक बार जरूर साफ करें।
- ऐसा करने से आपके मन का मैल साफ होता है।यही मैल Vishakt tatv) विषाक्त तत्व का कारण बनते हैं।
- निगेटिव विचार मन से बाहर निकलते हैं।
- आपको शांति और और आराम महसूस होता है।
- गमले में लगे पौधे को अपने हाथों से सुबह-शाम अपने परिवार के सदस्यों की तरह खाद एवं पानी दे।
- बागवानी करें और देखभाल करें ।
- ऐसा करने से आपके Over thinking पर लगाम लग जाती हैं।
- सोचे कि अंदर जाती हवा स्वच्छ विचार ऊर्जा से भरपूर है ।
- मेरे दिमाग को तरोताजा कर रही है। शरीर की सारी cells को ताजी हवा मिलने से आराम मिल रहा है।
- नाक से बाहर आती हवा मेरे मन (man) के Negative Thought को बाहर कर रही है।
- शरीर के सारे (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व बाहर आती हवा के साथ ही बाहर निकल गये हैं।अपने आसपास पेड़ पौधों का धन्यवाद अदा करें कि मैं आपके द्वारा दी ऑक्सीजन को लेकर जीवित हूँ। ।
- पेड़ पौधों के प्रति कृतज्ञ बने , क्योंकि आप की हर सांस पेड़ पर अटकी है। बगीचे में पेड़-पौधों को इस तरह बात करें कि वे आपकी बात सुन रहे हैं।
- इस तरह से सोचने से आप की Inner Strength मजबूत होती है। प्रकृति आपको Result में कुछ न कुछ जरूर लोटाती है। प्रकृति वही आपको लौटाती है, जैसा आप अन्दर से अनुभव करते हैं।
विचारों से (Vishakt tatv) विषाक्त तत्व को कैसे साफ (saf)करें ?
- हम कह सकते हैं. कि दुनिया में जितने भी परफेक्ट मशीनों का निर्माण हुआ है इस मानव शरीर के द्वारा ही संभव हुआ है । यह शरीर दुनिया के किसी भी प्रकार की बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझा सकता है। क्या यह शरीर दुनिया की परफेक्ट मशीन नहीं है ?
- अवश्य है लेकिन हमने अपने विचारों को छोटा कर देने के कारण हमने शरीर और मन (Sharir and Man ) को छोटा कर दिया है । सर्वोच्च रचना के बदले हमने तुछता को ग्रहण कर लिया है। आप ही बताएं क्या यह सही है ?
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.